कानपुर हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 10 लोग घायल हैं। देर रात भीतरगांव CHC में सभी शवों का पोस्टमॉर्टम कराया गया। इसके बाद सुबह एक-एक करके 26 शवों को कोरथा गांव लाया गया।
दिल दहला देने वाला हादसा के बाद गांव में हर तरफ मातम छाया हुआ है। हर किसी के दरवाजे पर महिलाएं सिसकियां भर रही हैं, पुरुष भी अपने आंसू रोक नहीं सके। शवों के लिए अर्थियां तैयार की जा रही है। सभी शवों का एक साथ अंतिम संस्कार कराया जाएगा।
गांव के राजू निषाद के बेटे का मुंडन संस्कार था। सभी लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली से उन्नाव के चंद्रिका देवी मंदिर में मुंडन कराने गए थे। दर्शन के बाद सभी लौट रहे थे तभी हादसा हुआ। मरने वालों में 13 बच्चे और 13 महिलाएं शामिल हैं। गांव वालों की मदद से पुलिस ने रेस्क्यू सभी को बाहर निकाला। अधिकतर लोगों की मौत पानी के ही अंदर हो गई।
गांव के लोगों का कहना था कि चाय-नाश्ता के बहाने राजू ने ट्रैक्टर-ट्रॉली रोकी थी। वहां उसने शराब पी। अगर ऐसा नहीं होता तो शायद ये हादसा ही नहीं होता।
घायल रामशंकर ने बताया कि ट्रैक्टर-ट्रॉली आराम से सड़क पर चल रही थी। सामने से एक वाहन और आ रहा था। लाइट लगने की वजह से ड्राइवर को गड्ढा नहीं दिखाई दिया। जब चालक ने गड्ढ़ा देखा तो उसने बचाने की कोशिश की। इसी में ट्रैक्टर-ट्रॉली अनियंत्रित हो गई और खंती में जाकर पलट गई। हम ट्रॉली पर सवार थे। ट्रॉली पलटने से पहले हम उसमें से कूद गए, जिसके चलते हमारा हाथ टूट गया।
थानेदार समेत 5 सस्पेंड
एडीजी भानु भाष्कर ने साड़ थाना प्रभारी आनंद पांडेय समेत 4 PRV जवानों को लापरवाही के चलते सस्पेंड कर दिया है। स्थानीय लोगों की सूचना के बाद सही समय पर न पहुंचने पर पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुबह मृतकों के परिजनों से मिलने और हालात का जायजा लेने के लिए कानपुर पहुंच सकते हैं।
हादसे की होगी मजिस्ट्रेट जांच
एडीसी कानपुर भानु भाष्कर ने बताया कि हादसे में 26 लोगों की मौत हुई है। हादसे की वजह क्या थी। यह जानने के लिए मजिस्ट्रेट जांच का आदेश किया गया है। जांच के बाद ही साफ हो सकेगा कि आखिर हादसे की मुख्य वजह क्या थी। इसी आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मृतकों के परिजन को 2-2 लाख मुआवजे का ऐलान
घटना को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया है। मृतकों के परिजनों को PMNRF से 2 लाख रुपए और घायलों को 50,000 रुपए की मुआवजा देने की घोषणा की है।
प्रशासन पर लापरवाही के लग रहे आरोप
हादसे के बाद एम्बुलेंस मौके पर भेजे गए। हालांकि स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण एंबुलेंस देरी से पहुंची। अगर एंबुलेंस सही समय पर पहुंचती तो और लोगों की जान बच सकती थी।