यूपी की योगी आदित्यना सरकार साइबर अपराध के मामलों में पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए तेजी से कदम बढ़ा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने साइबर अपराध के मामलों की सुनवाई के लिए अलग फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित कराए जाने का निर्देश दिया है। इसे लेकर तैयार प्रस्ताव को जल्द अमली जामा पहनाय जायेगा।
यूपी के सभी जिलों में योगी सरकार कराएगी फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन
योगी ने यह निर्देश भी दिया है कि जब तक साइबर अपराध के मामलों की सुनवाई के लिए अलग फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन नहीं होता, तब तक जिलों में गठित डेजिगनेटेड पाक्सो (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस) कोर्ट में इन मामलों की सुनवाई सुनिश्चित कराई जाए। साइबर अपराध के लंबित मामलों का जल्द निस्तारण कराने का निर्देश भी दिया है। शासन स्तर पर इसे लेकर कार्ययोजना बनाई जा रही है।
साइबर अपराध कानून-व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती
साइबर अपराध के लगातार बढ़ते मामले कानून-व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बन रहे हैं। इस अपराध से निपटने के लिए सरकार ने लखनऊ व नोएडा में स्थापित साइबर थानों के अलावा 16 परिक्षेत्रीय मुख्यालयों में साइबर थानों की स्थापना कराई है। साइबर थानों को अत्याधुनिक उपकरणों से भी लैस किया जा रहा है। साइबर अपराधों पर और प्रभावी अंकुश के लिए डाटा सिक्योरिटी के लिए आइआइटी कानपुर से भी मदद लिए जाने की भी तैयारी है।
साइबर सुरक्षा विषय स्कूल के पाठ्यक्रम में होगा शामिल
साइबर सुरक्षा को स्कूल के पाठ्यक्रम में भी शामिल कराया जाएगा। साथ ही राज्य स्तर पर साइबर समन्वय टीम का भी गठन होगा। लोगों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) का व्यापक प्रचार-प्रसार कराए जाने का भी निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही इंटरनेट मीडिया पर चाइल्ड प्रोनोग्राफी, दुष्कर्म व ऐसे अन्य आपत्तिजक तथ्यों से जुड़ी सामग्री को ब्लाक कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।
अब समिति के चयन से होगी साइबर थानों में तैनाती
- डीजीपी डा.डीएस चौहान ने साइबर थानों में विशेषज्ञ पुलिसकर्मियों की तैनाती का निर्देश दिया है।
- अब साइबर थानों में निरीक्षक से लेकर सिपाही तक की तैनाती के डीजीपी मुख्यालय स्तर पर गठित समिति उनका चयन करेगी।
- समिति साइबर अपराध के बारे में विशेष जानकारी रखने वाले पुलिसकर्मियों को चयनित करेगी। न्यूनतम तीन वर्ष की सेवा पूरी कर चुके पुलिसकर्मियों का ही चयन किया जाएगा।
- यह भी देखा जाएगा कि इस अवधि में उन्हें कोई दंड न मिला हो। साइबर क्राइम संबंधी कोर्स कर चुके पुलिसकर्मियों को चयन में वरीयता दी जाएगी।
- साइबर थानों में पुलिसकर्मियों की तैनाती के लिए अब एक समिति गठित की गई है। एडीजी साइबर क्राइम की अध्यक्षता में गठित समिति में डीआईजी/एसपी तथा एएसपी/डीएसपी को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।
- साइबर थाने में गड़बड़ी करने वाले किसी पुलिसकर्मी की दोबारा साइबर थाने में तैनाती भी नहीं हो सकेगी।
साइबर क्राइम पुलिस की निर्धारित संख्या
साइबर निरीक्षक-91
साइबर उपनिरीक्षक- 93
मुख्य आरक्षी साइबर – 58
आरक्षी साइबर – 176