आईआईटी कानपुर को लगातार दूसरी बार स्टेम इंपैक्ट अवार्ड-22 मिला है। मिट्टी की जांच को बनाए गई डिवाइस के लिए यह अवार्ड मिला है। इस डिवाइस से किसान महज 90 सेकेंड में खेत की मिट्टी की सेहत का पता कर सकते हैं। इस डिवाइस के जरिए किसान आसानी से पता कर लेंगे कि खेती के लिए मिट्टी उपयुक्त है या नहीं। व्यापारिक तौर पर खेती करने वालों के लिए यह डिवाइस बेहद उपयोगी साबित हो रही है। अब तक आईआईटी देश भर में 200 डिवाइस बनाकर दे चुका है। 1000 से अधिक डिवाइस की डिमांड आईआईटी के पास आई है।
कृषि क्षेत्र में क्रांति करेगी यह पोर्टेबल डिवाइस
स्टेम इम्पैक्ट अवार्ड भारत में अपनी तरह की अनूठी पहल है जो भारतीय शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण गतिविधियों के लिए दिया जाता है। आईआईटी कानपुर को इस बार ‘भू-परीक्षक’ नामक पोर्टेबल मृदा परीक्षण डिवाइस बनाने के लिए यह अवार्ड दिया गया है। व्यवसाय विकास, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्यालय के प्रमुख निस कजर वीबेल को आर्हस यूनिवर्सिटी डेनमार्क की ओर से यह अवार्ड दिया गया है। लगातार दूसरी बार आईआईटी कानपुर को यह अवार्ड मिला है।
पांच ग्राम सूखी मिट्ठी से मिल जाएगी उसकी सेहत की जानकारी
मिट्टी की जांच के लिए यह डिवाइस आईआईटी ने पिछले साल लांच की थी। किसानों के लिए इस क्रांतिकारी डिवाइस से महज 90 सेकंड में मिट्टी के स्वास्थ्य का पता लगा सकते हैं। केवल 5 ग्राम सूखी मिट्टी के नमूने के उपयोग से मिट्टी के छह महत्वपूर्ण मापदंडों – नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, कार्बनिक कार्बन, मिट्टी की सामग्री और कटियन आयन विनिमय क्षमता का पता चल जाता है।
केमिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने बनाई डिवाइस
इस पुरस्कार ने आईआईटी कानपुर के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. जयंत कुमार सिंह और उनकी टीम के इस क्रांतिकारी प्रयास को बनाया है। कृषि गतिविधियों में प्रमुख आवश्यकता को यह डिवाइस बेहद महत्वपूर्ण है। भारतीय कृषि पारिस्थितिकी तंत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की क्षमता के लिए इस आविष्कार की भी सराहना की गई।
आम जनमानस से जुड़े रिसर्च प्राथमिकता पर
आईआईटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा, “एक बहु-विषयक संस्थान के रूप में, हमारे प्रयास ऐसे नवाचारों को विकसित करने में निहित हैं जो जनता पर स्थायी प्रभाव डाल सकते हैं। राष्ट्रीय हित और जमीनी उपयोगिता के प्रमुख क्षेत्रों पर हमारे निरंतर काम ने हाल के वर्षों में हमारी पहुंच और प्रभाव का दायरा बढ़ाया है। यह पुरस्कार आईआईटी कानपुर में बढ़ते पारिस्थितिकी तंत्र की गवाही देता है। हम यह सम्मान पाकर बहुत खुश हैं और मैं भू-परीक्षक मिट्टी परीक्षण उपकरण के क्रांतिकारी आविष्कार से जुड़े सभी लोगों को बधाई देता हूं