कानपुर विकास प्राधिकरण के बहुप्रतिक्षित प्रोजेक्ट न्यू कानपुर सिटी योजना के लिए जमीन खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है। लेकिन बावजूद इसके जमीनों की खरीद-बिक्री चालू है। इसे रोकने के लिए KDA ने निबंधन विभाग के एआईजी स्टांप को पत्र भेजा है। 5 गांवों में जमीन खरीद और बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
इन 5 गांवों की जमीन खरीद पर रोक
केडीए 153.31 हेक्टेअर में न्यू कानपुर सिटी योजना लॉन्च करने जा रहा है। इसके लिए डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी जमीन की दरों का निर्धारण भी कर चुकी है। केडीए ने सिंहपुर कछार, गंगपुर चकबंदा, हिंदुपुर, संभरपुर, बैरी अकबरपुर कछार गांव में जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक की मांग की है। इन गांवों की जमीनों को योजना में शामिल किया गया है।
मार्च बाद लॉन्च की जाएगी योजना
मार्च में होली के ठीक बाद न्यू कानपुर सिटी परियोजना की लॉन्चिंग की तैयारी केडीए ने की है। केडीए ने निर्माण कार्य के शुभारंभ की तैयारी कर ली है। फिलहाल टेंटेटिव डिजाइन तैयार कर ली गई है। इसी माह फाइनल डिजाइन तैयार हो जाएगी।
केडीए सचिव शत्रोहन वैश्य ने एआईजी स्टांप को पत्र लिखकर 5 गांवों में खरीद बिक्री पर रोक लगाने के साथ ही रजिस्ट्री न करने के लिए पत्र भेजा गया है। सचिव ने बताया कि जमीनों की खरीद-बिक्री से योजना में बाधा आ सकती है। इसलिए रोक की मांग की गई है। वहीं केडीए स्कीम के लिए खाली पड़ी जमीन पर लगातार अभियान चलाकर कब्जामुक्त करा रहा है।
27 साल बाद परियोजना पर काम शुरू
लगभग 27 साल बाद इस परियोजना का काम शुरू हुआ है। 153 हेक्टेयर में यहां विकास कार्य किया जाएगा। शुरुआत 45 मीटर रोड से होगी जो मैनावती मार्ग पर केडीए ग्रीन्स से थोड़ी दूर आगे है। इस योजना में 4000 से भी ज्यादा आवासीय प्लॉट विकसित होंगे। इनका पंजीकरण KDA खोलेगा। लॉटरी के जरिए आवंटन की तैयारी है। अभी प्लॉट की कीमत तय नहीं की गई है।
स्कूल और होटल के लिए भी प्लॉट
इस योजना में ग्रुप हाउसिंग, अस्पताल, स्कूल और होटल के लिए भी प्लॉट निकाले जाएंगे। बहुमंजिला फ्लैट भी बनेंगे। मार्केट और काम्पलेक्स के लिए जमीन अलग होगी। पब्लिक सर्विसेज के लिए भी जमीन निर्धारित कर दी गई है। सिंहपुर चौराहे से पहले यह सिटी विकसित होगी।
इस प्रकार है जमीनों का ब्योरा
-153.31 हेक्टेअर में विकसित होगी योजना
-56.11 हेक्टेअर जमीन केडीए स्वामित्व की है
-8.05 हेक्टेअर जमीन ग्राम समाज की है
-88.69 हेक्टेअर जमीन निजी स्वामित्व की है