इस दौरान रवि शुक्ला ने बताया कि उ0प्र0 निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकारी नियमवली 2011 की धारा 11(4) एवं प्रमुख सचिव उ0प्र0 शासन के शासनादेश में निहित प्राविधान के अनुपालन में किसी भी बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी विधालयों द्वारा प्रारूप 1 पर एक स्वधोषणा पत्र प्रस्तुत कर प्रारूप 2 पर रिकगजीशन साटिफिकेट प्राप्त किया जाना था ओर आरटीई अधिनियम के तहत गरीब व साधानविहीन वंचित वर्ग के बच्चों के 25 प्रतिशत बच्चों के एडमीशन होने थे।
कहा अधिनियम लागू हुय 7 साल बीतने पर भी अच्छे स्कूल शिक्षा से वंिचत है और जिन स्कूलों ने उ0प्र0 सरकार के इस अधिनियम 2011 का पालन नही किया है उनमे प्राथमिक स्तर की कक्षाओं का संचालन तत्काल बंद कराया जाये। कहा निशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली 2011 की नियमावली का स्कूलों, विधालयों द्वारा अनुपालन न कार्यवाही न कराने वाले अधिकारियों को दण्डित किया जाये तथा आरटीई अधिनियम के तहत बच्चों के एडमीशन तीनो सत्र के लाटरी द्वारा पूरा किया जाये।