पद्मभूषण और पद्मश्री से सम्मानित सीएसजेएमयू के पूर्व कुलपति डॉ. सर्वज्ञ सिंह कटियार की सोमवार देर रात रीजेंसी अस्पताल में मौत हो गई। करीब बीस दिन पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। भतीजे ने पत्नी की मौत के बाद से डॉ. कटियार के मानसिक तनाव में रहने व बीमार होने की बात कही है। जबकि उनके साले के बेटे ने डॉक्टरों द्वारा जहर खाने की आशंका जताए जाने पर कमरे की छानबीन पर एक छोटी शीशी और डायरी में सुसाइड नोट मिलने की जानकारी दी है। इसके बाद से उनकी मौत रहस्य बन गई है।
पत्नी की मौत के बाद से डिप्रेशन में थे डॉ. कटियार
मूलरूप से फतेहगढ़ के रहने वाले डॉ. एसएस कटियार कानपुर के आर्य नगर में बने मकान में रहते थे। वर्ष 1994 से लेकर 2007 तक वह छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में तीन बार कुलपति रहे। भतीजे रितेश ने बताया कि डॉ. कटियार के संतान नहीं है। उनकी पत्नी इवा मैसी का पिछले साल जनवरी माह में बीमारी के चलते निधन हो गया था। इसके बाद वह भी डिप्रेशन (मानसिक अवसाद) में आने के कारण काफी बीमार रहने लगे थे। 18 सितंबर को अचानक उनकी तबीयत बिगडऩे पर रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां आईसीयू में इलाज चल रहा था, सोमवार रात उपचार के दौरान उनकी मौत हो
ये थी डॉ. कटियार की शख्सियत
भारतीय वैज्ञानिक डॉ. सर्वज्ञ सिंह कटियार ने एंजाइमोलॉजी (पाचक रस विज्ञान) में विशेषज्ञता प्राप्त की थी। वह लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के संस्थापक निदेशक थे। कानपुर में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। उनके कार्यकाल में विश्वविद्यालय परिसर का कायाकल्प हुआ और कई विभागों का विस्तार व अलग भवनों का निर्माण हुआ। वह भारतीय विश्वविद्यालयों के एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके थे। चंद्र शेखर आजाद कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के भी अध्यक्ष रह चुके थे। भारत सरकार ने वर्ष 2003 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। इसके बाद वर्ष 2009 में उन्हें पद्म भूषण से नवाजा गया था। उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में विज्ञान गौरव भी प्रदान किया गया था।